Wednesday, 27 November 2019

पहले सिद्ध करो बे !

भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्ट्रवाद की ही क्यों हो , चाहे वो बात प्रेम की ही क्यों ना हो , चाहे वो बात वामपंथ की ही क्यों ना हो या फिर सेक्यूलरिज़्म की ही क्यों ना हो । आपको हर जगह अपने आप को सिद्ध करना ही पड़ेगा । आप राष्ट्रवादी हैं या नहीं इसकेलिए आपको भारत माता की जय बोल कर अपने आप को साबित करना पड़ेगा । यदि आप प्रेमी हैं तो आपको अपनी प्रेमिका के साथ खुलेआम प्रेम का इजहार करते -करते उन्हें कहीं भी आलिंगन टाइप का कुछ करना पड़ेगा , चाहे वो जगह दिल्ली मैट्रो ही क्यों ना हो । यदि आप वामपंथ विचारधारा के हैं तो आपको हिन्दू देवी देवताओं को गरियाना पड़ेगा , ब्राह्मण को गरियाना पड़ेगा , हिन्दुत्व के विचारधारा के खिलाफ आपको आवाज बुलंद करना पड़ेगा , तब जा कर आपको बामपंथी होने का सर्टिफिकेट मिलेगा । इन दिनों सेक्यूलरिज़्म वामपंथ का छोटा भाई जैसा ही है । यदी आप सेक्युलर हैं तो आपको बीजेपी विरोधी होना पड़ेगा , आपको '' हिन्दुत्व का विचारधारा को देश के के लिए ख़तरा हैं '' ये बोलना पड़ेगा । यदि आप सेक्युलर हिन्दू हैं तो आपको जाली वाली टोपी पहनना पड़ेगा । अंततः  आपको , अपने आप को सिद्ध करना ही पड़ेगा ।

रवि आनंद

Sunday, 24 November 2019

Muzzaffarpur Bihar, Sub Lieutenant Shivangi is the first-ever woman pilot for Indian Navy

I hope everybody knows Ruby Rai , Topper of 12th from Bihar board. Everybody making fun, joke, meme and media taking interview of her and asking how to pronounce Political science. She was meme material for social media ,TRP material for media. All the negative things from Bihar makes Headlines.


Undoubtedly Ruby Roy is lewd, ignoramus, dumb, stupid, you can also add some appropriate words for her. She deserved to be mocked. I do not support her. Because of her, the entire educational system of Bihar was under question. Due to this scam, the image of Bihar's educational system was tarnished.
On the basis of this, social media and media questioned the entire education system of Bihar and started making fun of Bihari also.

Once someone making fun of me "Tu bhi Kahi topper to nahi hai. Tu bhi Bihar ka he hai".
But, now things are just the opposite. One Girl from Muzzaffarpur Bihar, Sub Lieutenant Shivangi is the first-ever woman pilot for Indian Navy. Shivangi will join as the first female pilot on December 2, 2019. Sub Lieutenant Shivangi making history as the first-ever woman to steer an Indian naval aircraft to the skies.





"At Muzzafarpur, Navy meant sailing to people and naval aviation was unknown. Maybe now it will have better visibility,"  Shivangi says.
Now social media and media is in the state of hypocrisy. Wow. That is great.

When some good news comes from Bihar, why do these people get such a rein in their mouths?


Ravi Anand

Monday, 4 November 2019

सवालों में ज़िन्दगी ! रवि आनंद

लगता है आज उससे रूठा हुआ हूँ मैं
उसकी यादें तो आ रही है ,
पर ना जाने क्यों मुझे उसकी यादों में कोई ख़लल सी महसूस हो रही है। ऐसा लग रहा है, कोई पीछे से टोक रहा हो मुझे , पर पीछे तो कोई है ही नहीं ।

ये इल्म जो हो रहा है मुझे , ये कहीं कोई इत्तिला तो नहीं कि उसे किसी और से इश्क़ तो नहीं हो गया ।

ये सवाल कितना जायज है या नहीं , मुझे खुद से पूछना चाहिए , मैं पूछ तो रहा हूँ पर कोई मुकम्मल जबाब नहीं मिल पा रहा है मुझे  । खुद के सवालों का जबाब क्यों नहीं होता है हमारे पास ।

ऐसा लगता है ज़िन्दगी सवालों में है और इस सावल का ज़बाब कोई इंसान है जो खो सा गया है और वो मुझे मिल नहीं रहा कहीं , उससे मुझे बहुत से सावल पूछने है।

रवि आनंद

Friday, 11 October 2019

तुम मुझमें बाकी हो ऐसे || रवि आनंद

तुम मुझमें बाकी हो ऐसे,
जैसे इत्र के डिब्बे में इत्र खत्म हो जाने के बाद उसमें खुशबू बाकी रह जाती है

तुम चली गई पर तुम्हारी यादें एकदम महफ़ूज़ है मुझमें ऐसे
जैसे तुम मेरी बाहों में ख़ुद को महफ़ूज समझती थी

एक बात मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि जब भी मैं अपने शायरी में अल्फ़ाज़ ज़िन्दगी को लिखता हूँ उसका मतलब तुम होती हो
अब क्या करें , ज़िन्दगी में तुम तो हो नहीं
पर तुम ज़िन्दगी आज भी हो मेरी

तुम्हारे बाद मुझे ये एहसास हो गया कि इश्क़ का होना ही इश्क़ का मुकम्मल होना होता है

तुमको मैंने इश्क करना तो सिखा ही दिया था , अब जिससे भी करना , उससे ठीक उसी तरह करना जिस तरह तुम मुझे इश्क़ किया करती थी 

जाते जाते मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ ,
हम मुकम्मल हैं रूह से
बदन से नहीं ।

रवि आनंद

गाम को समर्पित ये नज़्म 💕

Tuesday, 17 September 2019

किसी को समझना एक कला होता है पर सब कलाकार कहाँ होतें हैं .......

उसने चिठ्ठी में लिखा था , की हां मैं ठीक हूँ
पर वो समझ गई थी उसके जज्बात को
वो समझ गई थी लिखावट की उदासी को
कुछ ऐसा समझ था दोनो के प्रेम में



किसी को समझना एक कला होता है
पर सब कलाकार कहाँ होतें हैं .......
पर वो तो कलाकार थी
सब समझ जाती थी ।


रवि आनंद

Friday, 13 September 2019

टिप टिप बरसा पानी और फेमिनिस्म ।

टिप टिप बरसा पानी पर लेख लिखने का मन कर रहा है पर थोड़ा डर भी लग रहा है कि कोई महिला विरोधी ना घोषित कर दें। अभी फेमिनिस्म अपने शबाब पर है , दीपिका पादुकोण जैसी विश्वविख्यात अभिनेत्री वीडियो संदेश जारी कर के महिलाओं के बीच में जागरूकता फैला रही हैं और बता रही हैं "my body my choice" अर्थात मेरा शरीर मेरी पसंद ।  ये इक्कीसवीं सदी की नारी सशक्तिकरण है जिसमे यदी आप महिला हैं तो आपको क्या पहनना है इसपे आपको सबसे पहले आवाज उठानी पड़ेगी तब जा कर आपका फेमिनिस्ट की विचारधारा सिद्ध होगी । "वस्त्र का आधार" फेमिनिस्म की मुख्यधारा में आती है और ये महिलाओं की समकालीन होने को दर्शाती है।

चलये अब टिप टिप वर्षा पानी के पृष्टभूमि की व्याख्या करते हैं। तब अक्षय कुमार इतने देश भक्त नहीँ हुआ करते थे और रवीना टंडन भी उतनी फेमिनिस्ट नहीँ थी , क्योंकि उस वक्त ट्वीटर जैसी आभासी दुनिया का उद्भव नहीं हुआ था , लोगों की अभिव्यक्ति व्यक्त करने का साधन सीमित था ।

मोहरा फ़िल्म का ये एक ऐसा गीत था जिसने 90 के दशक  में लड़कों को मानो रिप्रोडक्शन का पूरा चैप्टर पढ़ा दिया हो । 500 P की quality में भी ये गीत का वीडियो 1080 P का दिखता था ,ये लोगों क़ा श्रृंगार रस के प्रती आकर्षण था या रवीना टंडन की नृत्य की प्रतीभा, ये मालूम नहीं । मुझे ऐसा लगता है इस गीत के बाद भारत में शिफॉन की साड़ीयों की विक्री में घातीय विर्द्धि हुई होगी ।
https://youtu.be/PAQYnne4Yn4

हिन्दी गीतों में कभी कभी ऐसा प्रतीत होता है जैसे स्त्रियों के शरीर को एवं स्त्रियों की सुंदरता को आलू की सब्जी की तरह उपयोग किया गया हो । सिर्फ इस गीत में ही नहीं बल्की इस जैसे हजारों गीत ऐसे होंगे जिसमे बहुत ही सांस्कृतिक तरीके से शरीर की सुंदरता का वर्णन किया गया है।
ये भीगी रात, ये भीगा बदन, ये हुस्न का आलम
ये सब अन्दाज़ मिल कर, दो जहां को लूट जायेंगे ....
ये कितना सभ्य और सांस्कृतिक साउंड कर रहा है।

अल्का याग्निक की आवाज रवीना टंडन के निर्त्य पर एकदम सटीक बैठ रही थी , ऐसा प्रतीत हो रहा था गीत का हर एक लफ़्ज़ को वही गा रही हैं। उदित नारायण की आवज भी पेट्रोल नुमा बारिश की आग को और भड़काने में अक्षय कुमार को पूरा मदद कर रहा था । आनंद बक्शी ने इस गीत को लिखते समय अपना कोई कसर नहीं छोड़ा , हर एक बोल को रिप्रोडक्शन की चैप्टर में प्रजन्न क्रिया की थ्योरी की तरह पस्तुत किया । ये हे आ हा हा.. आ हा आहा..  डू डू डू डू डूबा , ऐसे बोल इस गीत के गवाह हैं। इस गीत के संगीतकार विजू शाह  ने भी कोई कसर नहीं छोड़ा था , उन्होंने भी अपना पूरा सारे , गामा , सुर एवं ताल को पूरे तन मन के साथ इस गीत केलिए झोंक दिया था , जो रवीना टंडन और अक्षय कुमार के पात्र को गीत के धुन के माध्यम से पूर्ण रूप से निखार कर रख दिया था ।

इस गीत के नृत्य में रवीना टंडन और अक्षय कुमार आपस में कई बार ऐसे टकराते हैं , जैसे कि भारत और पाकिस्तान के मैच में अफरीदी और गौतम गंभीर आपस में टकराये थे। मानो अक्षय कुमार और रवीना टंडन के बीच सर्जिकल स्ट्राइक हो रहा हो ।


हम आज-कल के गीतों पर प्रतिक्रिया देने से कभी नहीं चूकते पर हमारा इतिहास यही रहा है । ऐसे गाने हर दिन बन रहे हैं । परन्तु कभी इसका विरोध किसी महिला को भी नहीं करते देखा  , बल्की हनी सिंह जैसे रैपर के गीत पर लड़कियों को थिरकते देखा है जो कि अपने रैप में लड़कियों को कमोडिटी की तरह उपयोग करते आए हैं फिर भी उनकी लाखों लड़कियां फैन हैं ... I swear choti Dress me bomb lagti menu  जैसी लाइन लड़कियों को कॉम्प्लिमेंटस जैसा लगता है। परन्तु '' वस्त्र के आधर'' पर इन्हीं को कोई सुझाव मात्र दे दे तो ये फेमिनिस्म को बीच में लाने से कभी नहीं चूकती और '' my body my choice''  जैसे स्लोगन को कोट करने लगती हैं। पर जहाँ पर इनको अपना फेमिनिस्म दिखना चाहिए वहाँ पर ये एकदम खामोश सी हो जाती हैं।  बेबी मारवा के मानेगी Raftaaaaar..... के रैप को कान में इयर प्लग लगा कर सुनना और इसको कॉम्प्लिमेंटस स्वरूप लेना ये कैसे फेमिनिस्म है ? कमाल है ना ? ये सिर्फ और सिर्फ इस देश में ही संभव हो सकता है।
रवि आनंद

Monday, 9 September 2019

हर्फ़ || रवि आंनद

हर्फ़ को धागों में पिरोने की कोशिश की है
फिर से तुम्हें कागज़ पर उतारने की कोशिश की है


हर एक लिखी हर्फ़ में मैंने तुमसे कोई बात की है
उफ़्फ़ मैंने कितनी शिद्दत से तुमसे मोहब्बत की है



तुम्हारे लिए हर एक लिखी हर्फ़ में मैंने इबादत की है
मोहब्बत तुमसे सीखा था मैंने उस कर्ज की अदायगी की है


आज फिर से मैंने आँखों को नम की है
तब जा कर इस ग़ज़ल को मैंने मुकम्मल की है




रवि आनंद






संशोधित करने केलिए प्रशांत झा का आभार 

Monday, 2 September 2019

अब मुझे भी बेवफ़ाई करने का मन कर रहा है || रवि आंनद

तुम्हें उसी राह पे छोड़ दूं
तुम्हें बेइन्तहां मोहब्बत कर के फिर तुम्हारे दिल को तोड़ दूं

तुम्हें एक उम्मीद दूं , फिर मैं वो उम्मीद को तोड़ दूं
तुम्हें अपना बना लूं , फिर किसी औरों से मैं रिश्ता जोड़ लूं

तुम्हें दिल में बसा के फिर से वो दिल को मैं पत्थर बना लूं
तुम्हें मैं चाँद औऱ आफ़ताब कहूँ , फिर मैं रौशनी से किसी औऱ को भर दूं

तुम्हें मैं पानी सा ज़रूरी समझूं फिर मैं तुम्हारे आँखों में पानी की वजह बन जाऊं

अब मुझे भी बेवफ़ाई करने का मन कर रहा है
हां है ये रंजिश पर मुझे तुझसे नफ़रत करने का मन कर रहा है

मैं भी इंसान हूँ , मुझे भी इंसानियत निभाने का मन कर रहा है.....

रवि आनंद

Friday, 24 May 2019

कभी आना यूँ ही

वो लम्हा को ढूंढने मैं रोज निकलता हूँ
जिस लम्हें में तुमने वादा ता उम्र का किया था

तुमने कहा था मैंने सुना था
जुबां को खामोश कर के हमने ऐहसासों को सुना था

रूह से मुक्कमल कर के
हमने जिस्म को छोड़ा था

वो पल सालो में बदल गए
जुदा हुए ज़रूर हम लेकिन
हमदोनों ने ऐहसासों को जीवित कर गए

मेरे खून में तुम आज भी बेह रही हो
कभी आना यूँ ही

तो देखना मुझे  , तुम मेरी आँखों की पुतलियों में डगमगा रही होगी .....

रवि

Friday, 19 April 2019

एक सुबह !

एक सुबह आधे आधे नींद में
मैं तुम्हें याद आऊंगा
तुम मुझे सोच रही होगी
तुम मुस्कुरा रही होगी
तुम उसके बाहों में लिपट कर मेरी धड़कनो को सुनने की कोशिश कर रही होगी

एक सुबह आधे आधे नींद में मैं तुम्हें याद आऊंगा

याद आऊंगा फिर दिन भर तुझमें मैं मैजुद रहूंगा
तुम भूलने की कोशिश करना
मैं तुम्हारे और करीब आऊंगा
जिद्दी हूँ मैं , मैं इतना जल्दी नहीं जाऊंगा

एक सुबह आधे आधे नींद में
मैं तुम्हें याद आऊंगा

रवि आनंद



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Thursday, 11 April 2019

दिल की गैलरी में तेरी अंगिनत यादें सेव हैं।


तुम्हारी मुस्कुराती हुई तस्वीरों को मैंने कई दफा अपने आँखें से ऐसे कैद किया जैसे कि मैं कोई प्रोफेशनल फोटोग्राफर हूँ। और वो तस्वीर दिल की गैलरी में एक दम सुरक्षित और सेव हैं। यादों का बैकअप कमाल का होता है लेकिन । डिलीट का कोई ऑप्शन ही मौजूद नहीं है। काश डिलीट का ऑपशन होता तो कितना अच्छा होता ना ?

तुम्हारी बचकानी हरकतों वाली तस्वीरों को मैंने सबसे ज्यादा कैद कर के रखा हुआ है। तेरा वेवजह रूठ जाना और ज्यादा कुछ देर तक भाव नहीं देने पर तुम्हारा खुद व खुद मान भी जाना । उफ्फ , वो वक्त । वो बीते हुए वक्त के पन्ने को मैं दिन में एक न एक बार जरूर पलट ही लेता हूँ  , उसे देख ही लेता हूँ .. क्योंकि रिवीजन करना ज़रूरी है ना तुम्हारी यादों की... क्योंकि तुम भी कोई सवालों से कम नहीं हो मेरी ज़िंदगी में । तुम '' मिली और मिल के क्यूँ ना मिली''  खैर छोड़ो .... अब तुम नहीं करती होगी तो मैं क्या करूँ पर मैं तो करता हूँ। क्योंकि मुझे पता है कि तुम मुकम्मल हो मुझे ,  मेरा इश्क़ मुकम्मल है मुझे  ''रूह'' से है , बदन से नहीं ।

सुना है तुम बहुत बिजी रहती हो , अच्छी बात है रहना भी चाहिए । तुम बोलती भी थी की मैं बहुत स्ट्रांग हूँ तब मुझे मज़ाक सा लगता था , मैं तुम्हारा मज़ाक भी उड़ाता था कि 45 किलो की लड़की क्या स्ट्रांग होगी । पर मज़ाक नहीं यार तुम तो स्ट्रांग नहीं एकदम कठोर निकली। कहीं मिल जाओगी कभी तो मैं तुमसे माफी मांग लूंगा की तुमको मैंने कम आँका ,अंडरएस्टिमेट किया । तुम सच में बहुत स्ट्रांग हो एकदम पत्थर के माफ़िक ।

देखो मुझे कोई शिकायत नहीं है तुमसे। शिकायत तो अपनो से होती है ना ? और तूम तो अपने हो नहीं  ...फिर मैं  शिकायत का आवेदन क्यूँ भरु । जब आखँ भर आता है कभी - कभी तो जम के बरस लेता हूँ , दिल का बोझ को हल्का कर लेता हूँ। क्यूंकि " शिकायतें है ही नहीं ज़िंदगी में , ज़िन्दगी है ही नहीँ ज़िंदगी में । अब मेरा ज़िंदगी कौन है , शिकायत मेरा कौन है तुम इसपे ध्यान मत दो तु बिजी रहो ।

आख़िर में एक बात कहना चाहता हूँ , बिंदी लगाना भले ही भुल जाना तुम कोई बात नहीं , पर मुस्कुराना कभी भी मत भूलना तुम । क्योंकि जब -जब तुम मुस्कुराती हो तो मेरा रूह मुस्कुराता है। तुम्हें तो पता है कि मैं कितना बड़ा सेल्फिश इंसान हूँ पहले अपना फायदा हमेशा देखता हूँ , So please keep smiling 💓

रवि आनंद

Tuesday, 9 April 2019

एक मुद्दत हो गई..........



एक मुद्दत हो गई
वो कागज आज भी नम है
जिसपे सियाही ने गम के आसूं उगले थे

एक मुद्दत हो गई
मैं फिर भी तुम्हारी राह को देखता हूँ
अब इंतज़ार भी ना करूं तेरा
मैं इतना तो बेंवफ़ा नहीं

एक मुद्दत हो गई
कितने लम्हें बीत गए
वो लम्हा कब होगा जिस लम्हें में मैं तुम्हें भूल जाऊं



एक मुद्दत हो गई
ज़िंदगी से मुलाकात नहीं हुई
ज़िंदगी में ना हो कर ज़िंदगी में यूँ दाखिला देना अच्छी बात है क्या ?

रवि आनंद

Wednesday, 3 April 2019

कितना आसान है , या कितना मुश्किल आज तक समझ नहीं आया ।

दर्द को समेटना
फ़िर कागज़ पर लिखना
नोर की सियाही बहाना
यादों को पुनः पुनर्जीवित करना
उसको शब्दों से करीब लाना
उसको महसूस करना
उसके एहसास में तृप्त हो जाना
फ़िर प्यार , मुहब्ब्त , शायरी , नज़्म , कविता का नाम दे देना
कितना आसान है , या कितना मुश्किल आज तक समझ नहीं आया ।

उससे कितना कुछ सीखा मैंने
ज़िन्दगी को जीना
ज़िन्दगी को जीते जी मर जाना
बहुत पास आना
फ़िर पास आ कर बहुत दूर हो जाना
दो बदन को एक हो कर
फिर एक - एक हो जाना
हम होना
फिर मैं हो जाना
मुहब्ब्त हासिल करने केलिए सफल होना,  सबसे ज़रूरी  होना
सब उसी से सीखा था मैंने
सब उसी से ।

मेरी बेतुकी बातों पर उसका हँसना
उसकी बेफिजूल की बातों को मेरा ध्यान से सुनना
खुले आँखों से ख़्वाब को देखना
उसकी हर एक गलती को बस एक नादानी समझना
अब उसका दूर हो जाना
किसी और का उसका हो जाना
उसके मांग पर सिंदूर लगा हुआ देखना
उसकी हाथों में मेंहदी लगा हुआ देखना
फिर दिल को बहलाने केलिए खुद से ये बोलना
कि मेरी जान तुम्हारे हाथों में जो मेहंदी लगी हुई है
इसपे रंग मेरे प्यार की चढ़ी हुई है
मेरा भी इतना बदल जाना
ना जाने ये कैसे हो गया सब कुछ
कितना आसान है , या कितना मुश्किल आज तक समझ नहीं आया ।

रवि आनंद

Monday, 11 March 2019

अपरिभाषित प्रेम | गुलज़ार

वैसे तो प्रेम को परिभाषित करना उतना ही मुश्किल है जितना पानी के वास्तविक स्वाद को किसी को बताना ।

हम अक्सर प्रेम को दो लोगों के बीच के रिश्ते का नाम दे देते हैं। इक्कसवीं सदी में प्रेम एक सांकेतिक चिन्ह सा हो गया है जो कि फेसबुक और इंस्टाग्राम के बायो और इसके स्टोरी स्टेटस तक सीमित सा हो के रह गया है। किसी को केवल स्व-शरीर पा भर लेना क्या प्रेम है ? या कोई व्यक्ति जिसने किसी से प्रेम किया हो उसको अपने पूरे ह्रदय से चाहा हो और वो उसे नहीं मिला तो क्या वो प्रेम में असफल है ? या प्रेम तब सफल है जब किसी का एहसास अपके अंतर आत्मा को छू ले । मेरे लिए प्रेम बस यही है , इसमे न जीत है न हार है , प्रेम बस एक अद्धभुत एहसास है।

1969 में एक सिनेमा आई थी खामोशी , इस गीत के बोल लिखे थे गुलज़ार साहब और संगीत दिया था हेमंत कुमार ने और आवाज़  थी लाता जी की ।

खास कर इस युग की पीढ़ी को इस गीत को ज़रूर सुनना एवं समझना चाहिए । गुलज़ार साहब ने वास्तव में मूलतः प्रेम की वास्तविक भाव को इस गीत के माध्यम से लोगों को बखूबी समझाने की कोशिश किया है । इस गीत के बोल इस प्रकार हैं ,

हम ने देखी है इन आँखों की महकती खुशबू हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो हम ने देखी है

Translation -

I have seen the odorous fragrance of those eyes
do not  stain relationship by touch of hand 
This is an experience; realization savour in with your soul
let love be love, don't give it any other name
I have seen

प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं एक खामोशी है सुनती है कहा करती है ना ये बुझती है ना रुकती है ना ठहरी है कहीं नूर की बूँद है सदियों से बहा करती है सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो हम ने देखी है ...

Love is not voice, love is not sound ,this is a silence which speaks and listens by itself 
It does not die, it does not stop, it does not stasis ,
It is a drop of ecstasy that flows for perpetuity.
This is an experience savour in your soul
let love be love, don't give it any other name
I have seen 

मुस्कराहट सी खिली रहती है आँखों में कहीं और पलकों पे उजाले से छुपे रहते हैं होंठ कुछ कहते नहीं, काँपते होंठों पे मगर कितने खामोश से अफ़साने रुके रहते हैं सिर्फ़ एहसास है ये, रूह से महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो, कोई नाम ना दो हम ने देखी है ...

Somewhere in eyes it stays like a smile
stays like light on the eyelashes , Lips do not say much but on quivering lips, 
many silent stories remain pendulous ,
This is an experience savour in your soul
let love be love, don't give it any other name
I have seen .

गुलज़ार साहब के प्रेम को बड़े सौम्यता एवं सरलता के साथ कागज के पन्ने पर सजा के हम सबको समझाया है।

तो आइये इस गीत को सुनते हैं

रवि आंनद

( गीत के अनुबाद में गलती केलिए माफी , बेहतर अनुबाद केलिए सुझाब दें )

Wednesday, 16 January 2019

फिर दिल को बेबकुफ़ बनाने में क्या हर्ज है | The koshish | Ravi Anand

अधूरी सी मोहब्बत है
पूरा जज्बात है
वो दूर बहुत है मगर
फिर भी बहुत पास है

दिल तो टूटा है बेशक़
पर गम किसको है
इश्क़ का वसूल है ये
इंताजर आज भी है

दिल को तसल्ली इस बात में है
कि वो बस मेरा है
फिर दिल को बेबकुफ़ बनाने में क्या हर्ज है

अब तन्हाइयों में भी ये दिल तन्हा नहीं रहता है
शुक्रिया तेरा ,
अब ये अक्सर तुम हो जाता है अकेला नहीं रहता है

रवि आंनद

Tuesday, 8 January 2019

सर्दी है , रात है 😍

सर्दी है , रात है  ,हवा भी तेज है
तुम सिमटी होगी किसी की बाहों में ये बात कुछ अजीब है

रात के एक बज रहे हैं तुम करवट बदल रही होगी
मेरी चाँद किसी के हथेली पे सर रख के सो रही होगी

रात अपने शबाब पे है
पुराना आशिक़ तेरा जाग रहा है
तुम्हारी यादों की गर्मी से वो ठंड को मात दे रहा है

घड़ी की सुई और सांस एक साथ चल रही है
सुबह की आस लगाए ये जिंदगी यूँ ही कट रही है


रवि आंनद

पहले सिद्ध करो बे !

भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्...