Showing posts with label jajbaat. Show all posts
Showing posts with label jajbaat. Show all posts

Thursday, 23 November 2017

रात को जब मैं नींद में रहूँ !

रात को जब मैं नींद में रहूँ
क्या तुम उस नींद की ख़ाब बनोगी
मुझे अंधेरे से डर लगता है
क्या तुम मेरी रौशनी बनोगी
जब मेरी धड़कने बढ़ने लगे अचानक से
मैं डर के घबराने लगू
क्या तुम मेरी दिल बनोगी
मैं कुछ कहना चाहूँ
पर मेरे पास लफ्ज़ नहीं हो
क्या तुम मेरी अल्फ़ाज़ बनोगी
मैं नींद में हूँ तुम ख़ाब में हो
नींद टूटने से पहले बतादो
आखरी बार मेरी बनोगी ।
रवि आनंद

पहले सिद्ध करो बे !

भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्...