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Thursday, 30 August 2018

राजीव चौक | इनबॉक्स यादें | लघुकथा

राजीव चौक !
राजीव चौक के नाम से ही दिमाग में भीड़ भाड़ की कल्पना शुरू हो जाती है। राजीव चौक संगम की तरह है 😀
संगम का तातपर्य लोगों के संगम से भी हैं और मेट्रो की संगम से भी है।
राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से उतरते ही आपको कॉफी की खुशबू आनी शुरू हो जएगी , ब्लू लाइन के दोनों तरफ (वैशाली/नोएडा सिटी सेंटर , द्वारिका ) दोनो ही तरफ सीसीडी है जो हमेशा ”युगलों” के साथ भरी रहती हैं। कोई भी टेबल एक व्यक्ति के साथ आपको नज़र नहीं आएंगी , यदि नज़र आएगी भी तो किसी के दीदार के इंतज़ार में ।
राजीव चौक दिल्ली मेट्रो का दिल है , और दिल्ली के दिल में स्थित है। मुझे कभी-कभी लगता है कि कनॉट पैलेस के सेंट्रल पार्क का भीड़ राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर शिफ्ट हो गया है , या यूं कहें कि सेंट्रल पार्क का उतराधिकारी राजीव चौक मेट्रो स्टेशन बन गया है।
राजीव चौक मेट्रो कुछ लोग ब्लू लाइन से येलो लाइन केलिए आते हैं , और कुछ लोग येलो लाइन से रेड लाइन केलिए , और कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो  यहीं से घर वापस हो जाते हैं 😀 उन्हें किसी भी मेट्रो से मतलब नहीं हैं 😀
वो बस यहाँ अपने मोहब्बत को आबाद करने के लिए आते हैं ” तुम किसी रेल सी गुजरती हो मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ , टाइप कि बातें कर घर , पीजी , क्लास के तरफ निकल लेते हैं। दिल्ली में जगह की कमी बहुत है और जितनी जगह है उसका पूर्ण उपयोग दिल्ली वालों को बहुत अच्छे से करना आता है और अन्य जगह के माफ़िक मेट्रो स्टेशन सुरक्षित जगह भी है ।
बाद बाकी यदी आपको ये महसूस हो रहा है कि आपको दिल्ली में कोई नहीं पूछता तो राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर दस मिनट खड़े हो जाइए हो जाइए , बहुत लोग आपको पूछेंगे एक्सक्यूज़ मी , द्वारका कौन सी मेट्रो जएगी , पालिका बाजार किस साइड पड़ेगा , गेट नंबर चार किधर है , श्री लेदर किस साइड पड़ता है ,रीगल कहाँ से जाऊं 😀
दिल्ली मेट्रो कथा पार्ट 2
#DelhiKiBaatein

Saturday, 29 April 2017

दिल्ली मेट्रो ।

यार मेट्रो तुमको मैं कैसे थैंक यू कहूँ मेरे पास शब्द नही है...तुम्हारे लिए हर तारीफ़ कम हैं , तुम लाजवाब हो .. एकदम हसीन हो वैसे ही जैसे दिल्ली वाली हसीन होती हैं... इतनी सुंदर हो कभी ज्यादा लेट नही होती हो और सबसे खास बात ये हैं तुझमे कि जरा सा भी attitude नहीं आई कभी ।

कितनी भीड़ को सहन करती हो 6 बजे से 11 बजे तक चलती रहती हो बिना थके और हारे ।

जब तुम चलती हो तो लोग तुम्हे ऑफिस जाने से लेकर इश्क़ लड़ाने केलिए तक इस्तेमाल करते हैं।
जितनी तुम खूबसूरत हो उतने ही बहुत बड़े दिल वाली भी हो , यदी आज मेट्रो का स्टेशन नही होता तो मेरे जैसे ना जाने कितने लोग दिल्ली में कहाँ भटकते । 

यदी आज राजीव चौक पर से तुम नही गुजरती तो लोग क्लास और ऑफिस जाने के बहाने सीसीडी में डेट पर कॉफी पीने कैसे आते ।

लक्ष्मीनगर नगर से इतने ca ,cs ,cwa ,banking के बच्चे पास होकर निकलते हैं यदी तुम उधर से नही गुजरती तो ना जाने वो बच्चे कहाँ बैठ कर revision करते  , उनके लिए तुम्हरा स्टेशन ही बस एक सहारा है।
तुम ने सब का समय ही नही बहुत कुछ बचाया है।

शब्द नहीं हैं मेरे पास तुम्हे थैंक यू कहने केलिए पर इतना कहूँगा मुझे तुम से इश्क़ है।:) 

#DelhiMetro 
Ravi Anand

पहले सिद्ध करो बे !

भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्...