मैं दिल , तुम गिटार
आओ छेड़ दो मेरे दिल के तार
तुम गीत , मैं अल्फ़ाज़
आओ एक मुखड़ा गा दो मेरे लिए यार
तुम गजल , मैं कागज
आओ , लिखता हूँ फिर कोई दिल की बात
तुम चाँद ,मैं सूरज
डूब जाता हूँ फिर तेरे लिए आज
तुम ही किताब , तुम ही अक्षर
जुड़ जता हूँ मैं तुझमे पन्ने की तरह ए यार
रवि आनंद