मैं ये नहीं कहता की गलती तुम्हारी है
तुम भी अपनी मरजी के हो हम भी अपने सफ़र के है
बस तुम एक लफ्ज़ जाते जाते खर्च कर के जाओ
झुठा ही सही पर बोल के जाओ
कि मुझसे तुम बे-इंतिहा मोहोब्बत करती थी
हो सकता है किस्मत की ना मंजूरी होगी
या तेरी कोई मजबूरी होगी
मान लेता हूँ सब बात , चलो तेरी कोई गलती नहीं
बस तुम एक लफ्ज़ जाते जाते खर्च कर के जाओ
झुठा ही सही पर बोल के जाओ
कि तुमने मुझे रब से नहीं मांगा
तुमने कोई कोशिश नहीं की मुझे पाने की
तुम्हें मुझसे बेहतर कोई मिल जाएगी
ये बोलने से पहले तुम
बस तुम एक लफ्ज़ जाते जाते खर्च कर के जाओ
झुठा ही सही पर बोल के जाओ
कि तुम्हें मुझसे बेहतर कोई मिल गया
तुम इसलिए मुझे छोड़ रही हो
कल से तुम नहीं होगे
ज़िन्दगी में बहुत उदासी होगी
तुम मेरी ज़िन्दगी हो , सांस कैसे लूँ तुझ बिन
तुम ही सांस हो मेरी
बस तुम एक लफ्ज़ जाते जाते खर्च कर के जाओ
झुठा ही सही पर बोल के जाओ
कि मुझसे तुम बे-इंतिहा मुहब्बत करती थी
रवि आनंद