भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्ट्रवाद की ही क्यों हो , चाहे वो बात प्रेम की ही क्यों ना हो , चाहे वो बात वामपंथ की ही क्यों ना हो या फिर सेक्यूलरिज़्म की ही क्यों ना हो । आपको हर जगह अपने आप को सिद्ध करना ही पड़ेगा । आप राष्ट्रवादी हैं या नहीं इसकेलिए आपको भारत माता की जय बोल कर अपने आप को साबित करना पड़ेगा । यदि आप प्रेमी हैं तो आपको अपनी प्रेमिका के साथ खुलेआम प्रेम का इजहार करते -करते उन्हें कहीं भी आलिंगन टाइप का कुछ करना पड़ेगा , चाहे वो जगह दिल्ली मैट्रो ही क्यों ना हो । यदि आप वामपंथ विचारधारा के हैं तो आपको हिन्दू देवी देवताओं को गरियाना पड़ेगा , ब्राह्मण को गरियाना पड़ेगा , हिन्दुत्व के विचारधारा के खिलाफ आपको आवाज बुलंद करना पड़ेगा , तब जा कर आपको बामपंथी होने का सर्टिफिकेट मिलेगा । इन दिनों सेक्यूलरिज़्म वामपंथ का छोटा भाई जैसा ही है । यदी आप सेक्युलर हैं तो आपको बीजेपी विरोधी होना पड़ेगा , आपको '' हिन्दुत्व का विचारधारा को देश के के लिए ख़तरा हैं '' ये बोलना पड़ेगा । यदि आप सेक्युलर हिन्दू हैं तो आपको जाली वाली टोपी पहनना पड़ेगा । अंततः आपको , अपने आप को सिद्ध करना ही पड़ेगा ।
रवि आनंद