हम , हम ना हो सके
बस मोहब्बत ही आपस में बे-हिसाब कर सके
बस मोहब्बत ही आपस में बे-हिसाब कर सके
मिल , मिल कर बिछड़े
बस रूह से मिले , जिस्म की ज़रूरत को ना समझ सके
बस रूह से मिले , जिस्म की ज़रूरत को ना समझ सके
ज़िन्दगी , ज़िन्दगी लगती थी
ज़िन्दगी अब बस जीना सा लगता है
सांस तो चलती है पर रोना सा लगता है.....
ज़िन्दगी अब बस जीना सा लगता है
सांस तो चलती है पर रोना सा लगता है.....
रवि आनंद
For Audio click here https://youtu.be/1yVNAPw_h2E
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