Monday, 4 November 2019

सवालों में ज़िन्दगी ! रवि आनंद

लगता है आज उससे रूठा हुआ हूँ मैं
उसकी यादें तो आ रही है ,
पर ना जाने क्यों मुझे उसकी यादों में कोई ख़लल सी महसूस हो रही है। ऐसा लग रहा है, कोई पीछे से टोक रहा हो मुझे , पर पीछे तो कोई है ही नहीं ।

ये इल्म जो हो रहा है मुझे , ये कहीं कोई इत्तिला तो नहीं कि उसे किसी और से इश्क़ तो नहीं हो गया ।

ये सवाल कितना जायज है या नहीं , मुझे खुद से पूछना चाहिए , मैं पूछ तो रहा हूँ पर कोई मुकम्मल जबाब नहीं मिल पा रहा है मुझे  । खुद के सवालों का जबाब क्यों नहीं होता है हमारे पास ।

ऐसा लगता है ज़िन्दगी सवालों में है और इस सावल का ज़बाब कोई इंसान है जो खो सा गया है और वो मुझे मिल नहीं रहा कहीं , उससे मुझे बहुत से सावल पूछने है।

रवि आनंद

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