Wednesday, 16 January 2019

फिर दिल को बेबकुफ़ बनाने में क्या हर्ज है | The koshish | Ravi Anand

अधूरी सी मोहब्बत है
पूरा जज्बात है
वो दूर बहुत है मगर
फिर भी बहुत पास है

दिल तो टूटा है बेशक़
पर गम किसको है
इश्क़ का वसूल है ये
इंताजर आज भी है

दिल को तसल्ली इस बात में है
कि वो बस मेरा है
फिर दिल को बेबकुफ़ बनाने में क्या हर्ज है

अब तन्हाइयों में भी ये दिल तन्हा नहीं रहता है
शुक्रिया तेरा ,
अब ये अक्सर तुम हो जाता है अकेला नहीं रहता है

रवि आंनद

Tuesday, 8 January 2019

सर्दी है , रात है 😍

सर्दी है , रात है  ,हवा भी तेज है
तुम सिमटी होगी किसी की बाहों में ये बात कुछ अजीब है

रात के एक बज रहे हैं तुम करवट बदल रही होगी
मेरी चाँद किसी के हथेली पे सर रख के सो रही होगी

रात अपने शबाब पे है
पुराना आशिक़ तेरा जाग रहा है
तुम्हारी यादों की गर्मी से वो ठंड को मात दे रहा है

घड़ी की सुई और सांस एक साथ चल रही है
सुबह की आस लगाए ये जिंदगी यूँ ही कट रही है


रवि आंनद

पहले सिद्ध करो बे !

भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्...