पक गई हैं आदतें बातों से सर होंगी नहीं कोई हंगामा करो ऐसे गुज़र होगी नहीं -दुष्यंत कुमार
Tuesday, 17 September 2019
Friday, 13 September 2019
टिप टिप बरसा पानी और फेमिनिस्म ।
https://youtu.be/PAQYnne4Yn4
ये सब अन्दाज़ मिल कर, दो जहां को लूट जायेंगे ....
ये कितना सभ्य और सांस्कृतिक साउंड कर रहा है।
Monday, 9 September 2019
हर्फ़ || रवि आंनद
फिर से तुम्हें कागज़ पर उतारने की कोशिश की है
उफ़्फ़ मैंने कितनी शिद्दत से तुमसे मोहब्बत की है
मोहब्बत तुमसे सीखा था मैंने उस कर्ज की अदायगी की है
तब जा कर इस ग़ज़ल को मैंने मुकम्मल की है
Monday, 2 September 2019
अब मुझे भी बेवफ़ाई करने का मन कर रहा है || रवि आंनद
तुम्हें उसी राह पे छोड़ दूं
तुम्हें बेइन्तहां मोहब्बत कर के फिर तुम्हारे दिल को तोड़ दूं
तुम्हें एक उम्मीद दूं , फिर मैं वो उम्मीद को तोड़ दूं
तुम्हें अपना बना लूं , फिर किसी औरों से मैं रिश्ता जोड़ लूं
तुम्हें दिल में बसा के फिर से वो दिल को मैं पत्थर बना लूं
तुम्हें मैं चाँद औऱ आफ़ताब कहूँ , फिर मैं रौशनी से किसी औऱ को भर दूं
तुम्हें मैं पानी सा ज़रूरी समझूं फिर मैं तुम्हारे आँखों में पानी की वजह बन जाऊं
अब मुझे भी बेवफ़ाई करने का मन कर रहा है
हां है ये रंजिश पर मुझे तुझसे नफ़रत करने का मन कर रहा है
मैं भी इंसान हूँ , मुझे भी इंसानियत निभाने का मन कर रहा है.....
रवि आनंद
पहले सिद्ध करो बे !
भारत में हम अभी ऐसे समय में जी रहे हैं जहाँ तब तक किसी भी चीज को सत्य नहीं मानी जायेगी जब तक आप उस चीज को सिद्ध ना कर दें । चाहे वो बात राष्...
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आज शाम से फ़िर यादें जवान है , हर गीत के अल्फ़ाज़ों में उनको ढूंढना जारी हैं , कलम से कागज पर हर एक शब्द में उनकी एहसास को उतारी जा रही है ,...
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दिल के टाइमलाइन पर तुम्हारी तस्वीर ऐसे टैग हो गई है जैसे आसमा में चाँद। काश मैं तुम्हें रिमूव कर पाता ,अन-इनस्टॉल कर पाता । प्रेम के आगे व...
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रात के बारह बज रहे हैं ,स्ट्रीट लाइट की रौशनी खिड़की से घर में झांक रही है , चाँद भी जाग रही है , तारे भी टिमटिमा रही हैं और मेरा मन भी किसी...